क्या सच में भविष्य से जुड़ा है यह मंदिर! जानिए इसका अद्भुत इतिहास

Maahi Yashodhar

Feb 14, 2024

भारत में ऐसे कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनका इतिहास कई हजार साल पुराना है।

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​लेकिन भगवान शिव को समर्पित एक ऐसा मंदिर भी है, जिसक संबंध भविष्य से बताया जाता है।​

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यह मंदिर एक ऊंचे प्लेटफार्म पर बना है, जिसमें 12 नक्काशीदार परतें हैं।

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हैरान करने वाली बात ये है कि इन परतों को चूने या सीमेंट से नहीं जोड़ा गया है

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​बल्कि इन परतों की इंटरलॉकिंग की गई है। साथ ही यहां की मूर्तियां एक ही पत्थर से बनी हैं।​

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पत्थर से बने स्तम्भ गोलाकार डिजाइन में हैं, जिसे हाथ से बना पाना नामुमकिन बताया जाता है।

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विशेषज्ञों का मानना है कि यह काम मशीन के बिना संभव नहीं है। ​

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​लेकिन उस समय में हमारे पूर्वजों ने पत्थरों को घुमाने के लिए किस मशीन का प्रयोग किया होगा?

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हालांकि इस बात का पुख्ता सबूत नहीं है कि इसे बनाने में मशीनों का इस्तेमाल किया गया था।

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यहां की एडवांस कारीगरी, मूर्तियां, 1 इंच के कंकाल इसे इसके समय से काफी आगे का बताते हैं।

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बता दें कि इस मंदिर का नाम होयसलेश्वर मंदिर है, जिसे 10वीं या 11वीं सदी का बताया जाता है।

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यह कर्नाटक के द्वारसमुद्र में स्थित है। द्वारसमुद्र का वर्तमान नाम हलेबिड है।

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