Oct 28, 2023
भारत में कई प्रकार की अनोखी जगहें हैं जिनका नाम तो हम रोज लेते हैं, लेकिन उनका असली और सही मतलब नहीं पता होता।
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इन्हीं जगहों में से एक है बॉटेनिकल गार्डन, जिसके बारे में लोग खूब सुनते हैं लेकिन ये क्या है, कैसे नाम पड़ा और क्यों इसका जवाब शायद ही किसी को पता हो।
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जिस जगह पर विभिन्न प्रकार के पौधों का संग्रह, खेती, संरक्षण और प्रदर्शन हो सके और जिन पर वानस्पतिक नाम छपे हों..ऐसे स्थानों को बॉटेनिकल गार्डन कहते हैं।
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पुस्तकालयों, हर्बेरिया, प्रयोगशालाओं और संग्रहालयों के जरिए शिक्षा और अनुसंधान के उद्देश्य से बॉटनिकल गार्डन की स्थापना हुई है। इसका इतिहास 3000 साल पहले प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया में मिलता है।
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पश्चिम बंगाल का आचार्य जगदीश चंद्र बोस भारतीय वनस्पति उद्यान भारत का सबसे बड़ा और सबसे पुराना वनस्पति उद्यान है।
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भारत में जब भी बॉटेनिकल गार्डन की बात होती है तो सबसे पहले आपको भारतीय गणराज्य वानस्पतिक उद्यान, नोएडा ही याद आता होगा, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि और भी कई शहरों में बॉटेनिकल गार्डन हैं।
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बॉटनिकल गार्डन सारंगपुर (चंडीगढ़), आर बी बॉटेनिकल गार्डन और मनोरंजन पार्क (गुजरात), गार्सा ब्रांका आयुर्वेदिक बॉटेनिकल गार्डन (लुटोलिम, गोवा), बॉटेनिकल गार्डन गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (अमृतसर), बॉटेनिकल गार्डन पंजाबी यूनिवर्सिटी (पटियाला), ऑरोविले बॉटेनिकल गार्डन (तमिलनाडु), बॉटेनिकल गार्डन (हैदराबाद), झांसी बॉटेनिकल गार्डन (झांसी)।
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सहारनपुर बॉटनिकल गार्डन, लॉयड्स बॉटनिकल गार्डन (दार्जिलिंग), -मैसूर चिड़ियाघर, नरेंद्र नारायण पार्क (कूच बिहार), मालमपुझा गार्डन (पलक्कड़, केरल) समेत अलग-अलग राज्यों में विभिन्न राज्यों में ये गार्डन मौजूद हैं।
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अन्य शहरों में मौजूद बॉटेनिकल गार्डन को कई नाम पुकारा जाता है। जैसे- वनस्पति अनुसंधान इत्यादि।
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