Nov 7, 2024

जानिए भारतीय रेलवे के अलग-अलग रंग के डिब्बों का क्या मतलब होता है

Digpal Singh

स्टील के बने नीले रंग के ट्रेन के डिब्बे 70-140 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार के लिए बने हैं।

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यह कोच स्पीड और कंफर्ट के लिए जाने जाते हैं। एक समय राजधानी, शताब्दी में यही कोच होते थे।

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मुंबई के और नाम

लाल डिब्बों को लिंक हॉफमैन बुच कोचेस भी कहते हैं, इन्हें 2000 के आसपास शामिल किया गया।

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लाल रंग का मतलब प्रीमियम सर्विस से है। एलुमीनियम के कोच 200 KMPH की स्पीड के लिए बने हैं।

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जिस ट्रेन में हरे रंग के कोच लगे होते हैं उसमें यात्रा करना बाकी के मुकाबले सस्ता होता है।

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हरे कोच का मतलब कंफर्ट के साथ ही सस्ती यात्रा भी होता है।

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ब्राउन कलर के कोच रात की यात्रा के लिए स्लीपर की सुविधा देते हैं।

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पर्पल कलर के कोच ज्यादातर तेजस एक्सप्रेस में दिखते हैं, जिसमें मॉर्डन सुविधाएं होती हैं।

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ऑरेंज कोच शहरों के बीच छोटी दूरी की यात्रा तय करने वाली ट्रेनों में लगते हैं।

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सफेग रंग के कोच दो धार्मिक स्थानों के बीच चलने वाली ट्रेन में लगते हैं।

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पीले रंग के कोच सस्ते और नॉन एसी होते हैं।

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