सिर्फ शिवनगरी में ही मनाई जाती है देव दीपावली, शामिल होने के लिए तरस जाते हैं लोग

Pooja Kumari

Oct 26, 2023

​काशी और देव दीपावली​

देव दीपावली के दिन भोलेनाथ की नगरी काशी दुल्हन की तरह सजाई जाती है।

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​कार्तिक पूर्णिमा​

दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली काशी में मनाई जाती है। इस बार देव दीपावली का उत्सव 27 नवंबर को मनाया जाएगा।

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​उत्सव की शुरुआत​

देव दीपावली फेस्टिवल की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी से होती है और कार्तिक पूर्णिमा की रात को समाप्त होती है।

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​देव दीपावली से जुड़ी मान्यता​

ऐसी मान्यता है कि देव दीपावली के दिन देवी-देवता काशी में दिवाली मनाने के लिए धरती पर आते है, जिस कारण इसे देव दीपावली के नाम से जाना जाता है।

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​दीपदान का महत्व​

इस दिन गंगा में नहाने का और दीपदान करने का बहुत महत्व है देव दीपावली के दिन काशी के गंगा घाट दीपक और रौशनी से जगमगाते रहते है।

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​काशी में मनाने की वजह​

लेकिन क्या आप जानते हैं कि देव दीपावली सिर्फ काशी में ही मनाई जाती है, आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है।

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​पैराणिक कथाएं​

पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के असुर का वध किया था।

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​असुर से मुक्ति की खुशी में उत्सव​

असुर से मुक्ति मिलने की खुशी मनाने के लिए सभी देवता काशी आए और भगवान शिव को धन्यवाद देने के लिए दीप जलाए। तभी से काशी में देव दीपावली का उत्सव मनाया जाने लगा।

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​त्रिपुरोत्सव और त्रिपुरारी पूर्णिमा​

देव दीपावली को त्रिपुरोत्सव और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है इस दिन दीपक जलाने के साथ ही शिव भगवान की पूजा भी की जाती है।

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