Apr 16, 2024

जयपुर में है अनोखा मंदिर, जानिए इसे द मंकी टैंपल क्यों कहते हैं?

Digpal Singh

द मंकी टैंपल

जयपुर का अपना समृद्ध इतिहास है और पिंक सिटी में घूमने-फिरने की कई जगहें हैं जो किसी को भी आश्चर्य में डाल देती हीं। यहां एक ऐसा मंदिर भी है, जिसे द मंकी टैंपल भी कहते हैं।

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मंदिर का नाम

जयपुर में मौजूद इस मंदिर का नाम गलताजी मंदिर है और यहां पर श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था है। यहां बड़ी संख्या में बंदर रहते हैं, इसलिए इसे बंदर वाला मंदिर भी कहाजा जाता है।

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कर्णप्रयाग की खूबसूरती

जयपुर की शान

गलताजी मंदिर जयपुर की शान है। यहां आने वाले पर्यटक गलताजी मंदिर बी जरूर जाते हैं। मंदिर अरावली की पहाड़ियों पर बना है और बहुत ही खूबसूरत है।

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गलताजी मंदिर का इतिहास

मंदिर की आधारशिला राजा सवाई जय सिंह के दरबार में दीवान कृपाराम ने रखी थी। मंदिर जयपुर के रीगल शहर के बाहरी इलाके में बना है और इसके धार्मिक मान्यता के साथ ही ऐतिहासिक महत्व भी है।

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मंदिर की बनावट

गलताजी मंदिर की इमारत भव्य है। गोल छतों, खंबों से सजी दीवारें, कुंडों के अलावा मंदिर परिसर में भगवान राम, कृष्ण और हनुमान जी के मंदिर हैं। मंदिर में देश और विदेश से भक्त दर्शनों के लिए आते हैं।

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बंदर वाला मंदिर क्यों कहते हैं?

गलताजी मंदिर में हजारों में बंदरों की संख्या देखने को मिलते हैं। चंचल जंगली बंदर सुबह और शाम के समय मंदिर परिसर और उसके आसपास बड़ी संख्या में इकट्ठा हो जाते हैं।

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श्रद्धालुओं को नुकसान नहीं

दिलचस्प बात है कि गलताजी मंदिर में आने वाले यह बंदर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह से कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

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कब आएं गलताजी मंदिर

हर साल जनवरी में 'मकर संक्रांति' के आसपास लोग यहां के पवित्र कुंड में डुबकी लगाने के लिए आते हैं।

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सूर्यास्त के समय आएं

सूर्यास्त के समय यहां का नजारा ही कुछ और होता है। उस समय यहां बंदर भी कम होते हैं। अक्टूबर से फरवरी तक यहां आना अच्छा रहता है।

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सिसोदिया रानी का बाग नजदीक में

गलताजी मंदिर के पास कृष्ण मंदिर, सूर्य मंदिर, बालाजी मंदिर और सीता राम मंदिर भी हैं। इस मंदिर के पास एक और पर्यटक आकर्षण सिसोदिया रानी का बाग है।

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हवाई अड्डे से दूरी

यहां का नजदीकी हवाई अड्डा सांगानेर हवाई अड्डा है। बैस गोडम रेलवे स्टेशन से मंदिर सिर्फ 1 किमी दूर है।

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