Jul 4, 2024
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माना जाता है कि सिंकदर लोदी के शासनकाल में गुरु नानक देव जी ईरान के रहने वाले एक सूफी संत से मिले थे।
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ऐसा माना जाता है कि सूफी संत को लोग मजनू कहकर बुलाने लगे थे और वे यहां एक टीले पर रहते थे। इस कारण इस जगह का नाम मजनू का टीला पड़ गया।
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कुछ लोग इस टीले का संबंध ऐतिहासिक जोड़े लैला-मजनू से भी बताते हैं, लेकिन इतिहासकारों ने इसे नकारा है।
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