Feb 13, 2025
दिल्ली में कर्तव्यपथ पर स्थित इंडिया गेट भारत का राष्ट्रीय स्मारक है। इसे साल 1931 में अंग्रेजों ने पहले विश्व युद्ध में मारे गए सैनिकों की याद में बनवाया था।
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शाहजहानाबाद में दक्षिण की ओर से एंट्री के लिए 1638 में दिल्ली गेट बनाया गया। यह गेट आज नई दिल्ली को पुराने दिल्ली शहर से जोड़ता है। यह गेट दरियागंज के पास मौजूद है।
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कश्मीरी गेट दिल्ली में एंट्री का एक प्रमुख और ऐतिहासिक द्वार है। मुगल साम्राज्य की राजधानी शाहजहानाबाद की चारदीवारी वाले शहर में उत्तर दिशा से प्रवेश करने वाले द्वार का नाम कश्मीरी गेट रखा गया था।
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मुगलकाल में दिल्ली में जो 12 दरवाजे बनवाए गए थे, उनमें से एक अजमेरी गेट भी है। इसे 1644-1649 के बीच बनाया गया था। इसका इतिहास चांदनी चौक से जुड़ा है और आज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का एक गेट इस ओर खुलता है।
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दिल्ली में मौजूद लालकिले के पश्चिमी द्वार को लाहौरी गेट कहा जाता है, क्योंकि यह लाहौर की ओर खुलता है। यह लाल किले का मुख्य प्रवेश द्वार भी है।
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मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय ने लाल किले के सभी दरवाजों को बंद करवा दिया था। उस समय सिख फौज ने जहां से दीवार तोड़कर लाल किले में प्रवेश किया, आज उस जगह को मोरी गेट कहा जाता है।
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इस गेट का निर्माण 1650 में हुआ था। लाल बलुआ पत्थरों से बनाया गया यह गेट मशहूर संत तुर्कमान बियाबानी के नाम पर बनाया गया था।
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