कैसे पड़ा यमुना नदी का ये नाम, जानिए कहां से निकलकर कहां होती है खत्म
Amit Mandal
दिल्ली में दिखा यमुना का रौद्र रूप
दिल्ली में हाल के दिनों में यमुना नदी का रौद्र रूप दिखा और इसने पूरी राजधानी को जलमग्न कर दिया। आज इसी के दिलचस्प इतिहास के बारे में जानते हैं।
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यमुना पश्चिमी उत्तराखंड में यमनोत्री (जमनोत्री) के पास हिमालय में बंदरपूंछ पर्वत श्रृंखला की ढलानों से निकलती है। यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
यमुना नदी उत्तर भारत की प्रमुख नदी है यह प्रमुख रूप से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहती है। गंगा नदी के साथ यह भी देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक है।
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यूपी-उत्तराखंड में बहती है
यह हिमालय की तलहटी से होते हुए दक्षिण दिशा में उत्तराखंड से निकलकर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा, राज्य के बीच की सीमा के साथ पश्चिम में बहती है।
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प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में विलीन
प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में यमुना नदी गंगा नदी में विलीन हो जाती है, जो हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान है। यहां कुंभ मेला लगता है। 5
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संस्कृत भाषा से लिया गया नाम
यमुना नदी का नाम संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है जुड़वां। हिंदू धार्मिक ग्रंथों ऋग्वेद और अथर्ववेद में यमुना नदी का जिक्र मिलता है। 6
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असित ऋषि ने खोजा था
यमुना नदी का जल पहले साफ, कुछ नीला, कुछ सांवला था, इसलिए इसे काली गंगा और असित भी कहते हैं। असित एक ऋषि थे। कहते हैं कि सबसे पहले यमुना नदी को इन्होंने ही खोजा था।
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जमना भी कहते हैं
यमुना नदी को जमना भी कहा जाता है। यह देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक है। यमुना नदी का संबंध कृष्ण के जन्म से भी है।
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भगवान कृष्ण से भी संबंध
यमुना नदी से होकर ही कृष्ण के पिता वासुदेव ने नवजात श्रीकृष्ण को एक टोकरी में रखकर मथुरा से गोकुल तक उनके पालक पिता नंदराज तक पहुंचाया था।
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यमुना प्रदूषण के चलते बेहद गंदी हुई
आज यमुना प्रदूषण के चलते बेहद गंदी हो गई है और इसका पानी काला नजर आता है।
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कैसे पड़ा यमुना नदी का ये नाम, जानिए कहां से निकलकर कहां होती है खत्म