​UP की इस जेल में आज भी कैद हैं श्रीकृष्ण, सिर्फ जन्‍माष्‍टमी पर देते हैं दर्शन​

Shaswat Gupta

Sep 5, 2023

​जन्‍माष्‍टमी का त्‍योहार​

इस साल जन्‍माष्‍टमी (Janmashtami 2023) का त्‍योहार गृहस्‍थ लोग 6 सितंबर और मथुरा-वृंदावन-इस्‍कॉन मंदिर में 7 सितंबर को मनाया जाएगा।

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​यूपी का खास मंदिर​

जन्‍माष्‍टमी (Janmashtami 2023) से पहले हम आपको उत्‍तर प्रदेश की एक खास जेल के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां श्रीकृष्‍ण भाई बलराम व राधाजी संग कैद हैं।

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​21 साल से हैं कैद​

मथुरा में कंस की कैद से तो भगवान श्रीकृष्‍ण को तुरंत मुक्ति मिल गई थी, लेकिन लोग बताते हैं कि उत्‍तर प्रदेश की इस जेल में प्रभु श्रीकृष्‍ण 21 साल से कैद हैं।

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​सिर्फ जन्‍माष्‍टमी पर दर्शन​

इस जेल से श्रीकृष्‍ण सिर्फ जन्‍माष्‍टमी (Janmashtami) के दिन बाहर आते हैं और दर्शन देते हैं। दरअसल, मंदिर के मालखाने से पुलिस वाले ही भगवान श्रीकृष्‍ण को बाहर निकालते हैं।

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​इस शहर में मंदिर​

जिस जेल में भगवान कैद हैं वो उत्‍तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के शिवली थाने की है। जिसके पीछे एक पुराना किस्‍सा है।

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​विधिवत पूजन​

जन्‍माष्‍टमी के दिन जब पुलिस वाले प्रभु श्रीकृष्‍ण को बलराम और राधारानी संग बाहर लाते हैं तो उनका स्‍नान करा विधिवत पूजन होता है। इस दौरान आस-पास के लोग भी जुटते हैं।

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​चोरी हुई थी मूर्तियां​

शिवली के मंदिर से 12 मार्च, 2002 को श्रीकृष्ण, राधा और बलराम की तीन बड़ी, दो छोटी अष्टधातु की मर्तियां चोरी हुई थीं। मंदिर के सर्वराकार आलोक दत्त ने शिवली थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

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​चोर भी गिरफ्तार​

खोजबीन कर पुलिस ने एक सप्‍ताह में ही चोर को गिरफ्तार कर मूर्तियां बरामद कर ली थीं और उसके बाद ये मूर्तियां थाने के मालखाने में कैद हो गईं। कानूनी दांवपेच में मामला फंसा होने के कारण तब से ये मूर्तियां वहीं पर हैं।

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​जन्‍माष्‍टमी पर भोग​

जन्‍माष्‍टमी (Janmashtami) पर जब प्रभु के दर्शन होते हैं तो उनका पूजन मंदिर के सर्वराकार ही करते हैं। उनको भोग लगाते हैं और प्रसाद वितरण कर मूर्तियों केा उसी स्‍थान पर रख देते हैं।

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