Apr 03, 2025
अगर आप हिंदी पट्टी में रहते हैं तो आपने ऐसे शहरों के नाम जरूर सुने होंगे जिनमें 'मऊ' शब्द आता है।
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फाफामऊ, मऊ आईमा, जाज मऊ, मऊनाथ भंजन और मऊ जैसे और भी कई उदाहरण आपको उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में मिल जाएंगे।
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मऊ शब्द अधिकतर किसी शहर के नाम में विशेषण के साथ जुड़कर आता है। जैसे, बांगरमऊ, सीसामऊ, मऊनाथ भंजन आदि। हर नाम में इन शब्दों के कुछ खास मतलब हैं।
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लेकिन क्या आपको पता है कि इतने सारे शहरों के नाम के साथ मऊ शब्द जुड़ा क्यों है? इस शब्द का मतलब क्या होता है?
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मऊ शब्द कहां से आता है, कैसे ये शहरों के नाम जुड़ा, इसको लेकर विद्वानों के अलग-अलग मत हैं।
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कुछ विद्वान मऊ शब्द को 'मयूर' (मोर) का अपभ्रंश मानते हैं। शायद इन जगहों पर कभी मोरों की अच्छी संख्या होती रही होगी।
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कुछ भाषाविज्ञान के जानकार इसे महुए के पेड़ों से जोड़कर देखते हैं। हो सकता है कि जहां महुआ बहुत हो, वो जगहें मऊ कहलाईं।
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कुछ विद्वान इसे तुर्की भाषा का शब्द मानते हैं। तुर्की में 'मऊ' शब्द का अर्थ होता है, पड़ाव या छावनी।
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हो सकता है कि आज जिन शहरों के नाम में मऊ है। शायद ये जगहें कभी छावनी रही हों।
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