Nov 11, 2023
पूरा देश दिवाली की खुशियों में डूबा है। लोग एक दूसरे को बधाई संदेश भेज रहे हैं।
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के एक गांव में दिवाली के दिन मातम मनाया जाता है।
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जी हां, ये गांव एक नरसंहार को याद कर दिवाली के दिन रो पड़ता है।
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बताया जाता है कि करीब 200 साल पहले एक नरसंहार हुआ जो लोगों के जेहन में आज भी बसा हुआ है।
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इस गांव को हमेशा-हमेशा के लिए जख्म देने वाला कोई और नहीं, बल्कि टीपू सुल्तान था।
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ये बदनशीब जगह कर्नाटक राज्य का मेलकोटे गांव है। यहां के काले इतिहास को हमेशा छिपाया गया।
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मेलकोटे गांव में 200 साल पहले टीपू सुल्तान के आदेश पर 800 हिंदुओं का कत्लेआम कर दिया गया था।
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क्रूर टीपू ने नरक चतुर्दशी के दिन श्रीरंगपट्टना के नरसिम्हा मंदिर के आयंगर ब्राह्मण परिवारों को मौत के घाट उतार दिया था।
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इस्लाम धर्म नहीं अपनाने पर टीपू ने खून की नदिया बहा दी। यहां भी दशहरा-दिवाली बड़े स्तर पर मनाई जाती थी, लेकिन अब कत्लेआम को याद कर दिवाली को मातम के तौर पर मनाया जाता है।
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