Feb 28, 2025
नाश्ते के समय प्रयागराज में पुराना कटरा रोड पर पहुंचें, जहां 168 साल से नेतराम कचौड़ी मिलती है। क्रिस्पी कचौड़ी के साथ गर्मागर्म, तीखी और खट्टी आलू सब्जी का लुत्फ लें।
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प्रयागराज के लोकनाथ चौक पर 1897 से राजाराम की गाढ़ी, क्रीमी लस्सी का कुल्हड़ सर्व किया जाता है। यहां पर गाढ़ी लस्सी के ऊपर मलाई की परत चढ़ाकर दी जाती है।
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जी हां, प्रयागराज का रसगुल्ला देहाती है और यह महात्मा गांधी मार्ग के पास मिलता है। यह बड़ा सा रसगुल्ला स्वाद में भी लाजवाब होता है।
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शहर में घूमते हुए आप इस स्ट्रीट फूड का लुत्फ उठा सकते हैं। यह हल्का-पुल्का स्नैक है, जिसे लेहिया, बारीक कटे प्याज, नींबू और मसालों के साथ सर्व किया जाता है।
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देशभर में समोसा चाहे जैसे खाया जाता हो, प्रयागराज में समोसे के ऊपर चटपटे छोले की करी, चटनी, प्याज और सेव को परोसा जाता है।
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प्रयागराज में हैं तो महात्मा गांधी मार्ग पर कामधेनू स्वीट्स का कुल्फी-फलूदा जरूर ट्राय करें। यहां पर क्रीमी कुल्फी को फलूदा और रोज सिरप के साथ परोसा जाता है।
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अगर आप फल खाने के शौकीन हैं तो आपको इलाहाबादी अमरूद जरूर ट्राय करने चाहिए। इनकी अपनी महक और मिठास होती है। यह इलाहाबाद की सांस्कृतिक पहचान भी हैं।
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आजादी से पहले 1945 के आसपास कर्नलगंज में शुरू हुई पंडित जी की चाट के सभी दीवाने हैं। इस चाट में मीठे, खट्टे और मसालों का गजब का मिश्रण होता है।
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कुल्हड़ में परोसी जाने वाली इस चाय में मिट्टी की सौंधी खुशबू और स्मोकी टेस्ट होता है। संगम नगरी में सुबह-सुबह इस चाय का लुत्फ लेकर आप स्वर्ग सा अनुभव करेंगे।
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