Jul 28, 2023
1920 के समय में इंडिया गेट के पास से रेलवे लाइन गुजरती थी और यहां ट्रेन चलती थी। यहां से आगरा-दिल्ली रेलवे लाइन गुजरती थी।
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जब अंग्रेजों ने इंडिया गेट के निर्माण की योजना बनाई तो यह रेल ट्रेक एक व्यवधान दिखाई पड़ा। फिर इस रेलवे लाइन को यमुना नदी के पास शिफ्ट कर दिया गया।
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रेलवे लाइन को शिफ्ट करने के बाद यहां इंडिया गेट का निर्माण कार्य शुरू हुआ। इंडिया गेट 1931 में बनकर तैयार हुआ।
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सर एडविन लुटियंस ने इंडिया गेट के इलाके को डिजाइन किया। इंडिया गेट एक विशाल बलुआ पत्थर का प्रवेश द्वार है जो 42 मीटर ऊंचा है।
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यह पेरिस के आर्क डी ट्रायम्फ से प्रेरित है और इसमें भारतीय एवं ब्रिटिश दोनों वास्तुशिल्प तत्व शामिल हैं। इसकी दीवारों पर सैनिकों के नाम भी अंकित हैं।
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स्मारक के आसपास का लॉन स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय मनोरंजक स्थान प्रदान करता है।
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लोग अक्सर पिकनिक, सैर का आनंद लेने के लिए वहां इकट्ठा होते हैं। यह क्षेत्र विशेष रूप से शाम के समय रोशन रहता है, जब यह रोशनी से जगमगाता है।
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इंडिया गेट के नजदीक ही एक युद्ध स्मारक संग्रहालय है, जिसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के नाम से जाना जाता है। 2019 में इसका उद्घाटन किया गया।
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इंडिया गेट के पास लोग देशभक्ति की अपनी भावना प्रदर्शित करने के लिए भी आते हैं। यहां बाद में सुभाष चंद्र बोस की स्टैच्यू भी लगाई गई।
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