​प्रेमानंद जी ने बताया, जूते पहनकर परिक्रमा क्‍यों नहीं करनी चाहिए​​

Shaswat Gupta

Jan 20, 2024

​सर्दियों में कई बार ऐसा होता है कि, लोग जूते-मोजे खोले बिना परिक्रमा कर लेते हैं।​

Credit: Radha-Keli-Kunj-App/Istock

​इस बारे में वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज ने अपने विचार रखे और सही तरीका बताया।​

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​प्रेमानंद जी से पूछा गया था कि, क्‍या कोई व्‍यक्ति जूता-मोजा पहने परिक्रमा कर सकता है ?​

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वे बोले कि, मोजा और जूता दोनों पादुका की श्रेणी में आते हैं इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए।​

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​कारण पर प्रेमानंद जी ने कहा कि मोजा पहन कर लोग शौच-पेशाब के लिए जाते हैं।​

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​वे बोले कि, वही जूते मोजे पहनकर ठाकुर जी के सामने जाना ठीक नहीं है।​

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​प्रेमानंद जी ने कहा कि कोई परिस्थिति आ गई है और जूते-मोजे नहीं उतार सकते तो बात अलग है।​

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​लेकिन फिर वो मोजे नए हों और दोबारा उन्‍हें पहनकर शौचालय आदि न जाया जाए।​

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​परिक्रमा में घाव से बचने के लिए प्रेमानंद जी ने कपड़े की एक-दो पट्टी बांधने की सलाह दी।​

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