Jan 15, 2024
शंकराचार्य का पद सनातन धर्म में सर्वोच्च माना जाता है। इस पद की स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी, वे एक हिंदू दार्शनिक और धर्मगुरू थे।
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आदि शंकराचार्य ने चार मठों की स्थापना की थी, जहां पर गुरुओं द्वारा शिष्यों को ज्ञान और आध्यात्मिक शिक्षा से जुड़ी बातें बताई जाती हैं।
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ये चारों मठ देश के अलग-अलग कोनों में स्थापित हैं। ये मठ पूर्व में गोवर्धन, पश्चिम में शारदा मठ, उत्तर में ज्योतिर्मठ और दक्षिण में शृंगेरी मठ हैं।
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गोवर्धन मठ ओडिशा के पुरी नगर में स्थित है, यह मठ जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा हुआ है।
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गोवर्धन मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती हैं, इस मठ के संन्यासियों के नाम के बाद आरण्य संप्रदाय नाम लगता है।
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शारदा मठ गुजरात के द्वारकाधाम में है, इस मठ के संन्यासियों के नाम के बाद में आश्रम या तीर्थ लगता है।
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शारदा मठ के शंकराचार्य का नाम सदानंद सरस्वती है।
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ज्योतिर्मठ उत्तराखंड के बद्रिकाश्रम में है। इसके संन्यासियों के नाम के बाद सागर लगाया जाता है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य का नाम अविमुक्तेश्वरानंद है।
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श्रृंगेरी मठ दक्षिण के रामेश्वरम् में स्थित है, यहां के संन्यासियों के नाम के बाद सरस्वती या भारती लगाया जाता है। श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य जगद्गुरु भारती तीर्थ है।
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