Mar 18, 2025
केल के पास 8379 फीट की ऊंचाई पर बसा यह गांव एक पर्यटन स्थल भी है। इस गांव तक आने के लिए केल से ट्रैक है।
Credit: Twitter
नीलम घाटी के सबसे खूबसूरत गांवों में से एक है आरंग केल। यहां दूर-दूर तक फैली हरियाली और घास के मौदान पहाड़ों के ऊपर घने पेड़ों के पास जाकर खत्म होते हैं।
Credit: Twitter
समुद्र तल से 4000 फीट की ऊंचाई पर जन्नत जैसी नीलम घाटी PoK में मुजफ्फराबाद के उत्तर और उत्तर-पूर्व में है। यहां का सुहावना मौसम ट्रैकिंग के लिए अच्छा है। LOC के करीब होने के कारण यहां विदेशी खासतौर पर भारतीय पर्यटकों जाने की इजाजत नहीं है।
Credit: Twitter
दोवारियां से सिर्फ 30 किमी दूर शारदा नाम की यह मनमोहक जगह 1981 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां शारदी और नारदी नाम के दो पर्वत हैं, जो इस घाटी की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देते हैं।
Credit: Twitter
हलमत बॉर्डर इलाके का गांव है और केल से करीब 49 किमी दूर है। यहां हलमत के अलावा जनवाई और सरदारी की खूबसूरती भी मन मोह लेती है।
Credit: Twitter
नीलम घाटी का सबसे दूरस्त इलाका है ताओबाट, यह मुजफ्फराबाद से करीब 200 किमी और केल से 39 किमी दूर है।
Credit: Twitter
1615 मीटर की ऊंचाई पर दोवारियां, नीलम से करीब 13 किमी दूर है। यहां पर शंकुधारी पेड़ हैं, जो सदा हरे-भरे रहते हैं। यहां पश्चिम की तरफ करीब 30 किमी का खच्चर ट्रैक रत्तीगली पास को नीलम और खागन वैली के साथ जोड़ता है।
Credit: Twitter
यहां के झरने और हरे-भरे पेड़ों से ढके पहाड़ी ढलान बेहद खूबसूरत हैं। शारदा के पूर्व की तरफ सुरगन नाला, नीलम नदी में आकर मिलता है। यहां से निकलने वाला ट्रैक
नुरिनार पास तक जाता है।
Credit: Twitter
मुजफ्फराबाद से कुंदल शाही की दूरी करीब 74 किमी है। यहीं पर नीलम नदी में जागरण नाला आकर मिलता है। ट्रॉट मछली पकड़ने के लिए इस जगह को खास तौर पर तैयार किया गया है।
Credit: Twitter
सलखाला की कुंदल शाही से दूरी करीब 3 किमी है। इस जगह पर ट्रॉट मछलियां पाली जाती हैं। यहां पर्यटकों के रुकने की भी व्यवस्था है।
Credit: Twitter
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स