​भारत के 5 सबसे विनाशकारी भूकंप, जब इन शहरों में लग गए थे लाशों के अंबार​

Shaswat Gupta

Nov 4, 2023

​भारत में भूकंप​

भारत की राजधानी दिल्‍ली समेत देश के कई हिस्‍सों में शुक्रवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। इस दौरान घर और दफ्तरों में मौजूद लोग बाहर निकलकर सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंच गए थे।

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यहां पर पढ़ें शहरों की खबरें

​नेपाल था केंद्र​

देर रात आए इस भूकंप का प्रमुख केंद्र नेपाल था। जहां पर अब तक तकरीबन 120 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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​अक्‍सर आते हैं भूकंप​

नेपाल और भारत के दिल्‍ली में ही नहीं, बल्कि भारत के कई हिस्‍सों में अक्‍सर ही भूकंप आया करते हैं। जिनकी वजह से लोग प्राय: सहम जाते हैं।

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​5 विनाशकारी भूकंप​

आज हम आपको भारत के उन 5 प्रलयकारी भूकंपों के बारे में बताएंगे जब लाशों के अंबार लग लग गए थे।

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​19​34 बिहार भूकंप​

​आजादी की लड़ाई के बीच 15 जनवरी 1934 को बिहार में 8.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें मुंगेर और जमालपुर शहर पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गए थे। ये भारतीय इतिहास का सबसे विनाशकारी भूकंप माना जाता है क्‍योंकि इसमें 30,000 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई थी। उस समय पूर्णिया, मुंगेर, मुजफ्फरपुर और चंपारण सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र थे।

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​1950 असम भूकंप​

15 अगस्त, 1950 को आए इस भूकंप को मेडोग भूकंप के नाम से भी जाना जाता है। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 8.6 थी। इस भूकंप ने असम और तिब्बत दोनों जगहों जबरदस्त तबाही मचाई। अकेले असम में 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे।

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​1991 उत्तरकाशी भूकंप​

20 अक्टूबर, 1991 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली और टिहरी जिलों में जबरदस्‍त भूकंप आया था। इसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 6.1 मापी गई थी। इसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे। इसके झटके दिल्‍ली तक महसूस किए गए थे।

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​1993 महाराष्ट्र भूकंप​

30 सितंबर, 1993 को महाराष्ट्र में आए भूकंप में 20,000 से अधिक लोग मारे गए थे। लातूर जिले के किल्लारी गांव में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.4 मापी गई। इस भूकंप से 52 से अधिक गांव नष्‍ट हो गए थे।

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​2001 गुजरात भूकंप​

52वें गणतंत्र दिवस के दिन कच्छ जिले के भुज में भीषण भूकंप आया। दो मिनट के इस भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई, हजारों लोग घायल हुए, लाखों परिवार बेघर हुए और कई मकान जमींदोज हो गए थे। इसका सबसे ज्‍यादा असर भुज, अंजार, वोंध और भचाऊ पर पड़ा। वहीं, भुज के प्रसिद्ध स्वामीनारायण मंदिर को भी आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा।

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