Feb 20, 2024
अलग उत्तराखंड राज्य को लेकर आंदोलन काफी लंबा चला और आखिरकार 9 नवंबर 2000 को यह सपना पूरा हुआ।
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उत्तर प्रदेश से एक अलग हुए राज्य को तत्कालीन सरकार ने उत्तरांचल नाम दिया।
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साल 2007 में उत्तरांचल का नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। इसका वादा कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव में किया था।
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आज भी कई लोग उत्तराखंड को उत्तरांचल नाम से पुकारते हैं। कई आज भी दोनों नामों को लेकर कंफ्यूजन में रहते हैं।
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अल्मोड़ा से तत्कालीन सांसद बच्ची सिंह रावत ने नाम बदलने का विरोध किया था। उन्होंने इसको लेकर तर्क भी दिया।
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उन्होंने बताया कि 1960 में चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ को उत्तराखंड नाम दिया गया था, कुमाई कमिश्नरी के बाकी जिलों को कुमाऊं मंडल में रहने दिया गया।
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अल्मोड़ा से तत्कालीन भाजपा सांसद बच्ची सिंह रावत ने बताया था उत्तराखंड से उत्तरा और कुर्मांचल से अंचल शब्द लेकर उत्तरांचल नाम दिया गया।
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नैनीताल से कांग्रेस सांसद केसी सिंह बाबा ने तब नाम बदलकर उत्तराखंड करने का बचाव किया और कहा कि पहाड़ के लोगों ने उत्तरांचल नाम को स्वीकार नहीं किया।
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उत्तराखंड क्रांति दल के तत्कालीन प्रवक्ता प्रताप शाही ने नाम बदलने को अपनी जीत बताई और कहा कि इसी नाम के लिए लोग शहीद हुए थे।
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उन्होंने राजधानी देहरादून से बदलकर गैरसैण करने की भी मांग की, जो आज भी उत्तराखंड के लोगों की मांग है।
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उत्तराखंड और उत्तरांचल के फेर में आप न पड़ें, आप तो बस इस पहाड़ी राज्य की खूबसूरती का मजा लें और छुट्टियों में यहां जाने का प्रोग्राम फिक्स करें।
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