काशी के दशाश्वमेध घाट का नाम कैसे पड़ा, जानें इसका इतिहास

Pooja Kumari

Jun 17, 2024

वाराणसी का दशाश्वमेध घाट यहां के प्रमुख घाटों में से एक है।

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दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती देशभर में ही नहीं बल्कि विश्व में भी प्रसिद्ध है।

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इस घाट पर साल 1991 में गंगा आरती की शुरुआत हुई थी।

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साल 1991 से रोज लगातार शाम में इस घाट पर 45 मिनट के लिए पूजा होती है।

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दशाश्वमेध घाट के नाम के पीछे दो कारण हैं।

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काशी खंड में बताया गया है कि इस घाट पर ब्रह्मा जी द्वारा अश्वमेध यत्रा का आयोजन हुआ था।

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दस घोड़ों की बलि देने की वजह से इसका नाम दशाश्वमेध घाट पड़ गया।

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कुछ विद्वानों का मानना है कि यहां पर नागवंशी राजा वीर सिंह ने 10 बार अश्वमेध यज्ञ किया था।

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राजा वीर सिंह के यज्ञ के कारण इस घाट का नाम दशाश्वमेध घाट पड़ा।

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