Aug 13, 2023
ऑनलाइन स्टडी के समय में आज अवध ओझा सर से हर कोई वाकिफ है। UPSC की तैयारी कर रहे हर स्टूडेंट ने अवध ओझा सर के वीडियो देखे होंगे।
Credit: Social-Media
आपने भी सोशल मीडिया पर 'ओझा सर' को इतिहास पढ़ाते होगा। जिसमें वो हिस्ट्री सब्जेक्ट की एक-एक बारीकी और उनके कारणों के बारे में स्टूडेंट्स को बताते हैं।
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इनके वीडियोज में स्टूडेंट्स को ज्ञान के अलावा और भी जिंदगी के और भी फलसफे सुनने को मिलते हैं।
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि 'ओझा सर' को 'गोंडा का गुंडा' क्यों कहते हैं ?
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'ओझा सर' ने इसके बारे में एक इंटरव्यू के दौरान खुलकर चर्चा की और बताया कि कैसे उनकी गुंडों की छवि बन गई।
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जब अवध ओझा छठी क्लास में थे तो दूसरे स्टूडेंट ने उनकी पिटाई की थी। जब वे 10वीं में आए तो उनके मित्र हरिओम तिवारी और अजय शुक्ला के साथ मिलकर उन्होंने उस व्यक्ति की पिटाई कर दी। मामला पुलिस के पहुंचा तो आत्माराम दुबे कोतवाल ने उन्हें ऐसा न करने को कहा।
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ओझा सर बताते हैं कि बचपन में उनके क्लासमेट उनकी लंबी शिखा (चोटी) को खींचते थे, बैग फेंक देते थे और काफी तरह से बुली करते थे जिससे वो काफी सहमे से रहते थे। छठी क्लास के किस्से के बाद उनको बदमाशी में मजा आने लगा, जिसे वे सेल्फ डिफेंस मानते थे।
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अवध ओझा पर एक बार पीटी टीचर की पिटाई का उन पर झूठा आरोप लगा। किस्सा था कि, टीचर ने ओझा सर को क्रिकेट टीम में लेने से मना कर दिया था और पिता पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद किसी और ने टीचर को पीटा लेकिन आरोप उन पर मढ़ दिया गया।
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एक इंटरव्यू के मुताबिक, अवध ओझा पर 19 साल की उम्र में 19 कोर्ट केस दर्ज हुए। जब उनकी मां ने उनको घर से निकाला तो वो उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट सिद्ध हुआ।
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