Sep 17, 2024
इसी कारण से अंग्रेजों ने उसे बर्मा (आज का म्यांमार) की जेल में डाल दिया, जहां लकवे से उनकी मौत हो गई और इधर उसके बच्चों व खानदान का कत्लेआम शुरू किया।
Credit: Canva-TNN-AI
किताब ‘द लास्ट मुगल’ (The Last Mughal) के अनुसार, बहादुर शाह जफर को दोषी ठहराने के बाद शाही खानदान के 29 लड़के पकड़े गए और अंग्रेजों ने उनका कत्ल कर दिया।
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बहादुर शाह जफर के सिर्फ दो बेटे ऐसे थे जो अंग्रेजों से भाग पाए, इनके नाम थे शहजादे मिर्जा अब्दुल्लाह और मिर्जा क्वैश (Mirza Quaish)। हालांकि एक समय के बाद मिर्जा अब्दुल्लाह भी नहीं रहे।
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कहते हैं भागते भागते मिर्जा क्वैश निजामुद्दीन अपने बहनोई के पास गए, लेकिन उन्होंने पनाह देने से मना कर दिया।
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अब क्वैश के आगे कोई और रास्ता नहीं था, ऐसे में उन्हें कोई पहचान न सके, इसलिए सिर मुंडवा कर भिखारी की तरह रहने लगे।
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वे कैसे तेसे उदयपुर जा पहुंचें जहां वे उदयपुर के महाराजा के एक वफादार से मिले। वो मिर्जा क्वैश को पहचान गया। उसे मिर्जा क्वैश की हालत पर तरस आ गया।
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उसने महाराजा को बताया कि एक फकीर आया है। अगर आप उसकी कोई तनख्वाह बांध दें, तो वो यहीं रहेगा और आपकी सेहत के लिए दुआ करेगा।
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महाराजा उदयपुर ने बात मान ली प्रतिदिन के हिसाब से उसकी तनख्वाह बांध दी। इसके बाद मिर्जा क्वैश उदयपुर में रहे। मिर्जा क्वैश ने उदयपुर में 32 साल गुजारे और मियां साहब के नाम से मशहूर हुए।
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हालांकि बहादुर शाह जफर 2 के जेल जाने के बाद से मुगल शासन भारत में पूरी तरह से खत्म हो गया, कहते हैं अंतिम मुगल शासक के 49 बच्चे थे जिनमें से 1857 की क्रांति के बाद इकलौते मिर्जा क्वैश बचे थे।
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