Oct 15, 2024
आशना, जिन्होंने इस कदर यूपीएससी की तैयारी की, कि बिना कोचिंग का सहारा लिए अपने सपने को पा लिया।
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आशना उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुआ कस्बे की रहने वाली हैं, आज वे आईपीएस हैं।
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आशना चौधरी स्नातक के बाद यूपीएससी क्रैक करना चाहती थीं, लेकिन वे बिना कोचिंग के तैयारी कर रही थीं। अगर उनके पास कुछ था, तो सपने और सपनों को पाने की जिद्द।
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आशना प्रतिस्पर्धा पसंद करती हैं, और IPS बनना उनका सबसे बड़ा सपना था, वे जानती थी कि आईपीएस बनने के लिए किस स्तर की प्रतिस्पर्धा होगी, लेकिन वे इसके लिए पूरी तरह से तैयार थीं।
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उनकी लगन के साथ एक और चीज ने उनका साथ दिया वो था, उनके पिता डॉ. अजीत चौधरी और मां इंदु सिंह का साथ।
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हालांकि 2020 और 2021 में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सर्विसेज परीक्षा दी, लेकिन वे दोनों साल असफल रहीं।
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आशना चौधरी बिना कोचिंग के डटी रहीं, उन्होंने 2022 में तीसरा प्रयास किया, और हर बार की कमियों पर गौर किया, इसके बाद कड़ी मेहनत करके सलफता हासिल की।
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आशना चौधरी की रैंक 116 थी, जो कि बिना कोचिंग के वाकई प्रेरणादायक है। यहां से वे भारतीय पुलिस सेवा (IPS) बनी।
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आशना चौधरी हमेशा से पढ़ाई को प्राथमिकता देती थी, उनके 12वीं कक्षा में 96.5 प्रतिशत अंक आए थे। वे पढ़ाई के वक्त खुद को डिस्टर्ब नहीं होने देती थी, और यूपीएससी की तैयारी के लिए 4 से 8 घंटे तक रोज पढ़ती थीं।
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