Sep 2, 2023
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन को आज दुनिया सलाम कर रही है।
Credit: BCCL/Pixabay
हाल ही में इसरो ने चांद पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग की है और अब सूर्य के अध्ययन के लिए वह आदित्य एल 1 को लेकर चर्चा में है।
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इसरो और डीआरडीओ भारत सरकार के दो बाहुबली संगठन हैं। देश की सुरक्षा और तकनीकि के क्षेत्र में दोनों का अहम योगदान है।
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भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन DRDO भारतीय सशस्त्र बलों के तोपखाने और हथियारों के लिए जिम्मेदार है।
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वहीं ISRO के पास अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में अपनी पहचान बनाने की जिम्मेदारी है।
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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO वह संगठन है जो सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के अनुसार अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों और उपकरणों से लैस करता है। जो भी इच्छुक उम्मीदवार साइंटिस्ट बनना चाहते है वे डीआरडीओ के एप्पलीकेशन फॉर्म को GATE के माध्यम से भर सकते है।
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ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के तहत काम करती है और इसका मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में है।
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बता दें कि भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो का गठन 15 अगस्त, 1969 को किया गया था।
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DRDO की स्थापना 1958 में हुई थी। इसका मुख्यालय दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के निकट ही, सेना भवन के सामने डी आर डी ओ भवन में स्थित है।
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