Nov 8, 2024
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने ना केवल भारत बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और मालदीव जैसे देशों को उनके कई सर्वोच्च नेता दिए हैं।
Credit: AI/Istock
एएमयू का इतिहस सैकड़ो वर्ष पुराना है। ऐसे में यहां हम आप जान सकते हैं कि कैसे बनी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी। किसने रखी थी इसकी नींव।
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यह बात 1857 में हुए भारत के पहले स्वतंत्रता आंदोलन की है। जिसे अंग्रेजों ने बेरहमी से कुचल दिया था। इस दौर में एक 40 साल के शख्स ने अपने परिवार को अपनी आंखों के सामने तबाह होते देखा।
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इसे देख यह लग गया कि अगर अंग्रेजों से मुकाबला करना है तो शिक्षा को हथियार बनाना होगा। बता दें यह शख्स कोई और नहीं बल्कि सर सैयद अहमद थे।
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सर सैयद ने कुरान और विज्ञान की पढ़ाई की थी। साथ ही एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी से कानून की मानद उपाधि हासिल की थी।
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उन्होंने मई 1875 में मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल स्कूल की नींव रखी। इसके लिए उन्होंने मई 1872 में मोहमदीन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज फंड कमेटी बनाया था।
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वहीं साल 1920 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा मिला और इसका नाम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय रखा गया।
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आज यहां करीब 250 से अधिक पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं। वहीं 1877 में यहां लाइब्रेरी की स्थापना हुई थी। जिसमें 13 लाख से ज्यादा किताबें मौजूद हैं।
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यहां आपको अकबर के समय फारसी में अनुवाद की गई गीती और महाभारत मिल जाएगी।
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