सपनों को न छोड़ना देश के पूर्व राष्ट्रपति APJ अब्दुल कलाम से सीखें

Neelaksh Singh

Oct 20, 2024

अब्दुल कलाम का जन्म

भारत के पूर्व राष्ट्रपति A. P. J. Abdul Kalam का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था।

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IAS रैंक में कौन से पद हैं

A. P. J. Abdul Kalam का पूरा नाम

इनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था, इन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल की।

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अब्दुल कलाम के अनगिनत उपलब्धियां

​​डॉ. कलाम ने भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) को विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हालांकि उनकी उपलब्धियों की लिस्ट बहुत ज्यादा लंबी है।

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भारत को बनाया स्पेस क्लब का सदस्य

SLV-III जुलाई 1980 में पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया और भारत को स्पेस क्लब का एक विशेष सदस्य बना दिया। वे इसरो के लॉन्च व्हीकल कार्यक्रम, विशेष रूप से PSLV कॉन्फ़िगरेशन के विकास के लिए भी जाने जाते हैं।

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पायलट बनकर लड़ाकू विमान उड़ाना चाहते थे कलाम

उन्होंने एक कार्यक्रम में बोला था कि वे जब 23 के थे तो पायलट बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की।

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पायलट न बनने पर नहीं मानी हार

इसके बाद उन्होंने एअरफोर्स में पायलट बनने के लिए ट्राई किया लेकिन उनका सेलेक्शन नहीं हुआ।

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राष्ट्रपति बनने के बाद सीखा फाइटर प्लेन उड़ाना

लेकिन जब वे राष्ट्रपति बने तो वे एअरफोर्स के सुप्रीम कमांडर बन गए, तब उन्होंने चीफ को बोला कि मैं फ्लाइंग सीखना चाहता हूं।

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6 माह की पूरी की ट्रेनिंग

चीफ ने कहा मैं आपको ट्रेनिंग दूंगा, इसके बाद अब्दुल कलाम जी ने 6 माह की ट्रेनिंग ली।

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जब उड़ाया Su-30

ट्रेनिंग कम्प्लीट होने के बाद उन्होंने एसयू 30 उड़ाया। अब यहां सीखने वाली बात ये है, कि देश का राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने अपने सपने को जिया।

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