Dec 18, 2024
पहले ये जान लें कि युद्ध केवल सैन्य ताकत से नहीं जीते जाते थे, बल्कि राजनीतिक चालबाजी, कूटनीति और साहस भी कई जगह काम आता था।
Credit: meta-ai
यही हुआ चौसा के युद्ध में, सब जानते हैं मुगलों की फौज उस समय सबसे बड़ी हुआ करती थी, अपार सैन्य शक्ति के दमपर मुगल बढ़ते चले गए।
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भारत में मुगल 1526 में आए और तेजी से अपना दबदबा बना लिया, मुगलों को अपराजित सेना कहा जाने लगा।
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लेकिन 26 जून 1539 को जब भारत के पहले मुगल बादशाह बाबर की संतान हुमायूं और सूर वंश के शासक शेरशाह सूरी के बीच युद्ध हुआ तो इसमें मुगलों को मुं की खानी पड़ी।
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युद्ध में शेरशाह ने मुगलों को जबरदस्त मात दी थी। अंजाम ये रहा कि हुमायूं उसी युद्ध में मार दिए जाता, लेकिन वो मौका पाकर कैसे तैसे गंगा नदी में कूद गया।
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वो डूब कर मारा जाता कि तब यहीं का रहने वाला निजाम सक्का नामक भिस्ती ने मशक (पानी भरने का चमड़े का थैला) के सहारे उसे डूबने से बचाया और नदी पार कराई।
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उसके इस एहसान के बदले मुगल शासक हुमायूं ने निजाम सक्का को एक दिन के लिए भारत का बादशाह बनाया।
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उस निजाम ने अपने शासनकाल में चमड़े का सिक्का चलाकर खुद को इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज करा लिया। यह सिक्का आज भी पटना के संग्रहालय में मौजूद है।
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चौसा एक जगह है, ये बिहार के बक्सर जिले का एक गांव है, जो गंगा और कर्मनाशा नदी के बीच पड़ता है। चूंकि ये एक निचला स्थान है, ऐसे में यहां बारिश का पानी भर जाता है और बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है।
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