Aug 30, 2023
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो की जय जय आज पूरी दुनिया में हो रही है।
Credit: BCCL/Istock
इसरो द्वारा चांद पर भेजा गया चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है।
Credit: BCCL/Istock
23 अगस्त को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर चंद्रयान 3 ने चांद पर अपने कदम रखे।
Credit: BCCL/Istock
चंद्रयान के बाद अब इसरो सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य एल1 भेजने की तैयारी में हैं। इसरो 2 सितंबर को 11:50 बजे श्रीहरिकोटा से इसरो सूर्य के अध्ययन के लिए Aditya L1 लॉन्च करेगा।
Credit: BCCL/Istock
इन मिशन में स्पेस साइंटिस्ट की भूमिका अहम होती है। सवाल आता है कि स्पेस साइंटिस्ट और एस्ट्रोनॉमर में क्या अंतर होता है।
Credit: BCCL/Istock
स्पेस साइंटिस्ट वे हैं, जो थ्योरेटिकल कांसेप्ट और प्रयोगशाला उपकरणों के लिए काम करते हैं।
Credit: BCCL/Istock
एस्ट्रोनॉमर वे हैं जो आकाशगंगाओं, सितारों आदि से संबंधित ब्रह्मांड में रिसर्च करते हैं।
Credit: BCCL/Istock
ISRO स्पेस साइंटिस्ट और एस्ट्रोनॉमर बनने के लिए इंजीनियरिंग या साइंस का कोर्स करना होता है।
Credit: BCCL/Istock
इसरो मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या कंप्यूटर इंजीनियरिंग में कोर्सेज या एस्ट्रोनॉमी विज्ञान, भौतिकी या गणित में पीएचडी उम्मीदवारों की भर्ती करता है!
Credit: BCCL/Istock
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स