ऐसे शुरू हुई थी ईस्ट इंडिया कंपनी, कोरोबार के नाम पर दिया था धोखा

Neelaksh Singh

Sep 22, 2024

22 सितंबर का दिन है खास

इतिहास में 22 सितंबर का दिन बेहद खास है, यह सीधा भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना से जुड़ा है।

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ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना क्यों हुई

भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना का उद्देश्य केवल और केवल व्यापार करना था, खासकर मसालों का व्यापार जो भारत में बड़ी मात्रा में उपलब्ध था।

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ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कब हुई

ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 31 दिसंबर 1600 को की गई।

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ईस्ट इंडिया कंपनी का नाम

1600 से 1708 तक इसका औपचारिक नाम 'गवर्नर एंड कंपनी ऑफ मर्चेंट्स ऑफ लंदन ट्रेडिंग इनटू द ईस्ट इंडीज' था, और 1708 से 1873 तक इसका नाम 'यूनाइटेड कंपनी ऑफ मर्चेंट्स ऑफ इंग्लैंड ट्रेडिंग टू द ईस्ट इंडीज' था।

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ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना एक छलावा

ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना एक धोखा था, क्योंकि इसका असली मकसद भारत में अपने पैर जमाना था।

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धन धान्य से भरपूर थी भारत की रियासतें

भारत की रिसायतें धन धान्य से भरपूर थीं, लेकिन यहां मजबूत नेतृत्व की कमी को देखते हुए कंपनी की साम्राज्यवादी आकांक्षाएं जाग गईं और उसने भारत का इतिहास और भूगोल सब बदलकर रख दिया।

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22 सितंबर का महत्व

ईस्ट इंडिया कंपनी के निर्माण में 22 सितंबर का एक खास महत्व है, दरअसल 1599 में वह 22 सितंबर का ही दिन था जब लंदन में 21 कारोबारियों की एक बैठक हुई थी।

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आज के ​दिन हआ था कंपनी के गठन पर विचार

इस बैठक में भारत के साथ कारोबार करने के लिए एक कंपनी के गठन पर विचार किया गया। इसे ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की दिशा में पहला कदम कहा जा सकता है।

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ईस्ट इंडिया कंपनी का अंत

ईस्ट इंडिया कंपनी को 1874 में संसद के अधिनियम द्वारा औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया था।

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