Jan 2, 2024

​देश की पहली महिला टीचर सावित्रीबाई फुले, जानें शिक्षा में क्या रहा उनका योगदान​

अंकिता पांडे

​सावित्रीबाई फुले न केवल देश की पहली महिला शिक्षिका बल्कि भारत के नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेता, समाज सुधारक और मराठी कवयित्रि भी थीं।​​​

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​उनका जन्‍म महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित नयागांव के एक दलित परिवार में 3 जनवरी 1831 को हुआ था।​

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​​माता पिता​

​सावित्रीबाई फुले के पिता का नाम खन्दोजी नैवेसे और माता का नाम लक्ष्मी था।​

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​​शादी से पहले अनपढ़​

​सावित्रीबाई की शादी 1840 में महज 9 साल की उम्र में ज्‍योतिबा फुले के साथ हुई थी। शादी से पहले वह पढ़ी-लिखी नहीं थीं।​

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​​पति ने की मदद​

​सावित्रीबाई के पढ़ने की चाह से प्रभावित होकर ज्‍योतिबा फुले ने उनकी पढ़ाई लिखाई में मदद की।​

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​​यहां से लिया प्रशिक्षण​

​सावित्रीबाई ने फिर अहमदनगर और पुणे में प्रशिक्षण लिया और एक योग्य शिक्षिका बनीं।​

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​​स्कूल की स्थापना​

​उन्होंने 3 जनवरी 1848 को अपने 18वें जन्‍मदिन पर पुणे में बालिकाओं के लिए पहले स्‍कूल की स्‍थापना की थी। ​

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​​समाज का विरोध​

​उन्हें बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए समाज का कड़ा विरोध भी झेलना पड़ा था।​

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​​कब हुआ निधन​

​सावित्रीबाई फुले का प्लेग की बीमारी की वजह से 10 मार्च 1897 को निधन हो गया था।​

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