Nov 5, 2023
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 22 अक्टूबर 1963 को भाखड़ा नांगल डैम (Bhakra Nangal Dam Inauguration) को राष्ट्र को समर्पित किया था।
Credit: canva
भाखड़ा नांगल डैम के माध्यम से न सिर्फ पंजाब, बल्कि राजस्थान के उन इलाकों में पानी पहुंचाया जा सकता था, जहां मानसून के बाद सिंचाई करना संभव नहीं था।
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बांध बनाने का आइडिया ब्रिटिश जनरल लुई डेन का था, उन्होंने जब सतलज नदी को देखा तो उन्हें सुझाव आया कि इसका इस्तेमाल तो बिजली बनाने में किया जा सकता है।
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1908 में जनरल लुई डेन ने ब्रिटिश सरकार को इस डैम के लिए एक प्रस्ताव भेजा, लेकिन सरकार ने पैसों की कमी का हवाला देकर उन्हें मना कर दिया।
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इसके करीब 10 साल बाद तत्कालीन चीफ इंजीनियर एफ.ई. वैदर की कोशिशों से रिपोर्ट तैयार की गई। हालांकि रिपोर्ट कई बार बनाई गई। आखिरकार 1948 में इसे पास कर दिया गया।
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इस प्रोजेक्ट पर काम 1951 में शुरू हुआ। इसके लिए अमेरिका से इंजीनियरों की टीम बुलाई गई। पहले नहर बनाने का काम शुरू हुआ ताकि किसानों को जल्दी सिंचाई का पानी मिल सके।
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सामान लाने ले जाने के लिए रोपड़ से नांगल तक 60 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बनान का कार्य शुरू किया गया, इस दौरान सड़कें भी बनाई गईं और 50 बेड का अस्पताल भी बनाया गया।
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यह भी जानें, भाखड़ा और नांगल दोनों अलग-अलग बांध हैं, लेकिन एक ही प्रोजेक्ट के तहत दोनों को बनाया गया था।
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प्रतियोगी परीक्षा में भी ऐसे टॉपिक पूछे जाते हैं कि भाखड़ा नांगल बांध किस राज्य में स्थिति है? भाखड़ा बांध हिमाचल के बिलासपुर जिले में है, जबकि करीब 10 किलोमीटर दूर पंजाब में नांगल बांध है।
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