Oct 6, 2024
चूंकि भारतीय ट्रेन लंबी होती हैं, ऐसे में यह सवाल तो बनता ही है कि इनकी धुलाई का सिस्टम क्या है और सफाई के दौरान कितने लीटर पानी लगता है।
Credit: canva-and-meta-ai
सबसे पहले ये जान लें ट्रेन की सफाई के एक से ज्यादा तरीके हैं, वास्तव में ट्रेन की सफाई या धुलाई का तरीका स्टेशन पर निर्भर करती है।
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आज हम जानेंगे काचीगुडा रेलवे स्टेशन की जो हैदराबाद का तीसरा सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। यहां के ADRM साईं प्रसाद ने एक वीडियो के जरिये बताया कि
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पहले ट्रेन की मैनुअल क्लीनिंग की जाती थी, जिसमें समय भी ज्यादा लगता था और मैनपावर भी अधिक लगती थी।
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लेकिन अब Automatic Coach Washing Plant लगाए जा रहे हैं, जिसमें बिल्कुल भी मैनपावर नहीं लगती और ट्रेन की धुलाई में भी कम समय लगता है।
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ADRM साईं प्रसाद के अनुसार, 15 मिनट से कम समय लगता है 24 डिब्बे की ट्रेन की धुलाई में। ये पानी की बर्बादी कम करता है।
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इस दौरान जो पानी इस्तेमाल होता है, उसे दोबारा भी इस्तेमाल किया जाता है। यानी नीचे गिरे हुए पानी को रिसाइकिल कर लिया जाता है।
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Automatic Coach Washing Plant 2019 से शुरू हुआ। इसके लगने के बाद से एक व्यक्ति की भी जरूरत नहीं पड़ती ट्रेन की धुलाई में
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ADRM ने बताया कि 24 डिब्बे की ट्रेन की धुलाई में 1440 लीटर पानी की खपत होती है।
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