Jan 29, 2025
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हुआ था, जो 26 फरवरी को समाप्त होगा।
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देश और दुनिया से लाखों- करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान करने पहुंच रहे हैं।
लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कितनी नदियों का संगम होता है?
इस तरह के सवाल परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं। ऐसे में अगर आपको नहीं पता तो हम इस सवाल का सही जवाब बताने जा रहे हैं।
प्रयागराज में गंगा, यमुना और गुप्त सरस्वती का संगम होता। संगम स्थल को त्रिवेणी भी कहा जाता है।
गंगा और यमुना को प्रयाग में मिलते हुए सब देखते हैं लेकिन सरस्वती नदी को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं।
ऐसा कहा जाता है कि सरस्वती नदी अदृश्य रूप से बहकर प्रयागराज पहुंचती है और यहां गंगा और यमुना के साथ संगम करती है।
लंबाई की बात करें तो हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी तक गंगा नदी कुल 2525 किमी का सफर तय करती है।
वहीं, यमुना नदी की लंबाई 1376 किलोमीटर है, जो इसे गंगा की सबसे लंबी सहायक नदी बनाती है।
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