कितने साल तक होती है ट्रेन चलाने वाले की ड्यूटी, इस उम्र में हो जाते हैं रिटायर्ड
Aditya Singh
रेलवे में लोको पायलट
रेलवे भर्ती बोर्ड आए दिन असिस्टेंट लोको पायलट के पदों पर भर्ती निकालता है।
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लोको पायलट के पदों पर भर्ती
इस भर्ती प्रक्रिया के तहत रेलवे में लोको पायलट के पदों की रिक्तियों पर भर्ती की जाती है।
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डायरेक्ट नहीं होता सेलेक्शन
बता दें रेलवे में लोको पायलट के पदों पर डायरेक्ट भर्ती नहीं की जाती है। यहां पहले सहायक लोको पायलट के रूप में कार्य करना होता है ।
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कितनी होती है ट्रेन चलाने वाले की ड्यूटी
ऐसे में अक्सर लोगों का सवाल रहता है कि रेलवे में ट्रेन चलाने वाले की ड्यूटी कितने घंटे की होती है। लोको पायलट की रिटार्मेंट एज कितनी होती है।
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लोको पायलट रिटायरटमेंट एज
यदि आप भी नहीं जानते हैं कि ट्रेन के ड्राइवर किस एज में रिटायर होते हैं तो यहां जान सकते हैं।
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इतने साल की उम्र में रिटायर
बता दें रेलवे में लोको पायलट की रिटायरमेंट एज 60 साल होती है। हालांकि लोको पायलट का हर महीने मेडिकल चेकअप होता है। यदि इसमें कोई अनफिट पाया जाता है तो उन्हें दूसरी जगह पोस्टिंग दे दी जाती है।
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रेलवे में लोको पायलट के लिए क्वालिफिकेशन
रेलवे में लोको पायलट बनने के लिए क्वालिफिकेशन की बात करें तो अभ्यर्थी किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना चाहिए। साथ ही मैकेनिकल, टेक्निकल या फिर इलेक्ट्रिकल ट्रेड मे आईटीआई होना चाहिए।
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रेलवे में लोको पायलट की सैलरी
वहीं असिस्टेंट लोको पायलट के सैलरी की बात करें तो यहां 25000 से 30000 रुपये सैलरी मिलती है। हालांकि यहां अनुभव के आधार पर वेतन बढ़ता जाता है।
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मिलती हैं ये सुविधाएं
इसके अलावा एक असिस्टेंट लोको पायलट को सलरी के साथ तमाम तरह की सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाती हैं।
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