Jul 23, 2024
कुछ लोग परिस्थितियों से हार मानने के बजाय और मजबूत बनकर वापसी करते हैं।
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ऐसे ही लोग लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में सफल हो पाते हैं।
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सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस बनने वाले युवाओं की कहानी काफी प्रेरणा देने वाली होती है।
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माता पिता के निधन से आईएएस रितिका जिंदल का हौसला नहीं टूटा, उन्होंने आईएएस बनकर माता पिता का नाम रोशन किया।
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रितिका जिंदल पंजाब के मोगा शहर से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने 12वीं क्लास की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में पूरे उत्तरी भारत में सबसे ज्यादा नंबर लाकर टॉप किया।
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उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन पूरी की और ग्रेजुएशनके तीसरे साल में ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी।
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यूपीएससी की तैयारी के दौरान ही रितिका के पिताजी को मुंह और फेफड़ों का कैंसर हो गया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में रहते हुए पिता की देखभाल करते हुए तैयारी की।
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साल 2019 में दूसरे प्रयास में मात्र 22 साल की उम्र में ही 88वीं रैंक हासिल कर रितिका ने UPSC क्लियर कर लिया।
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उनके IAS ट्रेनिंग के दौरान ही उनके माता-पिता दोनों का निधन हो गया।
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