Sep 5, 2023
आज हम आपको आईएएस अनुराधा पाल की सफलता की कहानी बताएंगे जो आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी।
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आईएएस अनुराधा पाल मूलत: हरिद्वार जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता दूध बेचकर परिवार का पालन पोषण करते थे।
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परिवार गरीब था, बचपन गरीबी में बीता। संसाधनों का अभाव था इसलिए अनुराधा ने पढ़ाई के साथ नौकरी भी की।
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अनुराधा पाल ने हरिद्वार के नवोदय विद्यालय से स्कूली पढ़ाई के बाद गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग किया!
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2008 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद टेक महिंद्रा कंपनी में सेलेक्शन हो गया लेकिन उन्हें चुंकि आईएएस बनना था इसलिए उन्होंने नौकरी से रिजाइन कर दिया।
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वह कोचिंग की फीस भरने के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करती थीं।
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इसके बाद उन्होंने तीन साल तक कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, रुड़की में बतौर लेक्चरर पढ़ाया!
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साल 2012 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा क्लीयर की लेकिन 451वीं रैंक आई। इस वजह से उन्हें आईएएस कैडर नहीं मिला।
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अनुराधा पाल ने यूपीएससी की तैयारी जारी रखी। साल 2015 में उन्होंने ऑल इंडिया 62वीं रैंक हासिल की और इस बार उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हुआ।
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