Jul 15, 2023
महाराष्ट्र के शहर बाइसोर के रहने वाले वरुण ने छात्र जीवन से लेकर आईएएस सफर में काफी चुनौतियों का सामना किया!
Credit: Instagram
पिता की मौत के बाद वरुण पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई। वह अपने पिता के साइकिल मरम्मत के काम में उतर गए और पंचर जोड़ने लगे।
Credit: Instagram
पंचर लगाते लगाते वरुण यूपीएससी की तैयारी करते रहे और 8 साल की कड़ी मेहनत के बाद सिविल सेवा परीक्षा में पूरे देश में 32वीं रैंक पाने में सफल रहे।
Credit: Instagram
पैसे की कमी के चलते वरुण ने पढ़ाई छोड़ दी थी। फिर एक पहचान के डॉक्टर ने उनको पढ़ाई दोबारा शुरू करने की सलाह दी और उनका कॉलेज में एडमिशन भी करवा दिया।
Credit: Instagram
12वीं करने के बाद वरुण ने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। वह खर्चा निकालने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ साइकिल की दुकान भी चलाते रहे और ट्यूशन भी पढ़ाते रहे।
Credit: Instagram
वरुण ने पहले सेमेस्टर में ही कॉलेज टॉप किया, जिसके बाद कॉलेज में उन्हें स्कॉलरशिप दी जाने लगी।
Credit: Instagram
उन्होंने दसवीं की परीक्षा में पूरे शहर में दूसरा स्थान पाया था।
Credit: Instagram
वरुण पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक सेवा कार्यों में भी तत्पर रहते थाे। उन्होंने समाजसेवी अन्ना हजारे के जनलोकपाल बिल के आंदोलन में भी हिस्सा लिया था।
Credit: Instagram
ये कहानी है कभी साइकिल का पंक्चर ठीक करने वाले वरुण की जो, आज अपनी मेहनत के बल पर आईएएस अधिकारी बन गए हैं।
Credit: Instagram
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स