Mar 14, 2024
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति किसी पद पर साल भर एक ही ड्यूटी करता है, तो उसे परमानेंट कर दिया जाएगा।
Credit: canva
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा यदि कोई कर्मचारी 12 माह तक एक ड्यूटी कर लेगा, तो उसे उसकी नौकरी स्थायी/परमानेंट करने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
Credit: canva
इस संबंध में जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि स्थायी या बारहमासी प्रकृति का काम एक कॉन्ट्रैक्ट एम्प्लॉयी द्वारा नहीं किया जा सकता है।
Credit: canva
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बारहमासी/स्थायी प्रकृति का काम करने के लिए नियोजित श्रमिकों को अनुबंध श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम, 1970 के तहत उन्हें सिर्फ स्थायी नौकरी के लाभ से वंचित करने के लिए अनुबंध श्रमिक नहीं माना जा सकता है।
Credit: canva
यह फैसला इसलिए सामने आया है, क्योंकि महानदी कोलफील्ड में काम करने वाले सफाई मजदूरों से जुड़ा मामला कार्फी चर्चा में है।
Credit: canva
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस नरसिम्हा ने अपने आदेश में हाई कोर्ट और इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के उस फैसले को बरकरार रखा है,
Credit: canva
दरअसल, महानदी कोलफील्ड्स ने इस तरह के 32 कॉन्ट्रक्ट कर्मचारियों में से 19 की नौकरी परमानेंट कर दी थी, जबकि 13 को अनुबंध कर्मी के रूप में ही छोड़ दिया था। जबकि सभी कर्मियों की ड्यूटी एक समान और एक ही प्रकृति की थी।
Credit: canva
जिसमें रेलवे लाइन के किनारे सफाई करने वाले मजदूरों को संविदा कर्मी से हटाकर स्थायी कर्मी का दर्जा और वेतन-भत्ते का लाभ देने का आदेश दिया गया था।
Credit: canva
इसके खिलाफ यूनियन ने केंद्र सरकार और महानदी कोलफील्ड्स को ज्ञापन सौंपा लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई तो इंडस्ट्रियल ट्रबियूनल में मामला पहुंचा, जहां ट्रिब्यूनल ने सभी 13 अनुबंध कर्मियों को नियमित करने का आदेश दिया।
Credit: canva
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स