पिता गुजरे तो खेत में किया काम और बर्तन तक धोए, न्यूयॉर्क की नौकरी छोड़ बनीं IPS

कुलदीप राघव

Jun 29, 2023

आईपीएस अफरोज की कहानी

IPS इल्मा अफरोज जब 14 साल की थीं तब पिता का निधन हो गया। इसके बाद उन्होंने मां के साथ खेत में काम किया, घरों में बर्तन तक धोए।

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मां ने बनाया आईपीएस

आईपीएस इल्मा अफरोज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्थित एक छोटे से कस्बे कुंदरकी की रहने वाली हैं। उनकी मां ने अपने पैरों पर खड़े होकर इल्मा को आईपीएस बनाया।

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IAS बनने की दर्दभरी कहानी

इल्मा अफरोज एजुकेशन

मुरादाबाद से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद इल्मा अफरोज (Ilma Afroz) ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस में एडमिशन लिया और फिलॉसफी में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

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ऑक्सफोर्ड से पोस्ट ग्रेजुएशन

ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद इल्मा अफरोज विदेश चली गईंं और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप पाकर वहां से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली।

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विदेश की नौकरी ठुकराई

इल्मा अफरोज को न्यूयॉर्क में स्थित Financial Estate कंपनी में नौकरी का बेहतरीन ऑफर मिला लेकिन उन्होंने देश सेवा की ठानी और भारत आकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की।

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2017 में बनीं आईपीएस

साल 2017 में 217वीं रैंक हासिल कर वह आईपीएस अफसर बन गईं। वह हिमाचल प्रदेश कैडर में हैं।

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संघर्षों से जूझकर बनीं अफसर

हर किसी की जिंदगी में कई तरह के संघर्ष होते हैं और पिता के निधन के बाद संघर्षों से जूझकर अफरोज आईपीएस बनी हैं।

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पिता के निधन से नहीं टूटा हौसला

इल्मा के पिता जब कैंसर का शिकार हो गए और उनकी मृत्यु हो गई तो घर चलाना तक मुश्किल हो गया था।

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इसलिए चुनी देश सेवा

इल्मा अफरोज कहती हैं कि जहां से और जिससे भी सीखने को मिले सीखो लेकिन जब करने की बारी आए तो अपने देश को चुनो।

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