Jul 8, 2023
कड़ी मेहनत व संघर्ष से व्यक्ति बड़े से बड़े मुकाम को हासिल कर सकता है। ये पंक्ति आईपीएस सफीन हसन पर सटीक बैठती है।
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सफीन हसन उन लोगों के लिए मिसाल है, जो मुसीबत के सामने घुटने टेक देते हैं।
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सफीन का बचपन संघर्ष से भरा रहा है, उनको पढ़ाने के लिए उनकी मां ने शादियों में रोटियां बेलना और पिता ने ठेला लगाना स्वीकार किया।
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एक इंटरव्यू के दौरान सफीन यह बताते हुए भावुक हो गए थे कि, नौकरी छूट जाने के बाद उनकी मां शादी पार्टी में रोटियां बनाती थी।
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माता पिता के संघर्ष को देखते हुए उन्होंने हार नहीं मानी और पहले ही अटेम्प्ट में देश के सबसे यंग आईपीएस ऑफिसर बन गए।
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एक इंटरव्यू के दौरान सफीन ने बताया था कि, प्राइमरी स्कूल में उन्होंने देखा था कि कलेक्टर के आने पर लोगों ने किस प्रकार उनकी इज्जत की थी। इसे देख उन्होंने ठान लिया कि अब उन्हें अफसर ही बनना है।
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बता दें सफीन बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थे। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गुजरात के प्राइमरी स्कूल से पूरी की।
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वहीं 10वीं में उनके कुल 92 प्रतिशत मार्क्स थे। इसके बाद वह साइंस लेना चाहते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण उन्होंने आर्ट्स लिया।
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इसके बाद से उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और पहले ही अटेम्प्ट में आईपीएस बन परचम बुलंद कर दिया।
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