Nov 6, 2024
गौरतलब है कि IIT में एडमिशन चाहिए तो जेईई मेंस और जेईई एडवांस्ड दोनों परीक्षा को अच्छे नंबर से पास करना होता है।
Credit: canva
जेईई यानी Joint Entrance Test जिसे संयुक्त प्रवेश परीक्षा भी कहते हैं, ये भारत में टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों जैसे आईआईटी में प्रवेश के लिए एक एंट्रेंस टेस्ट है, जो कि सीबीटी मोड में होता है।
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IIT में एडमिशन के लिए जेईई एडवांस्ड परीक्षा से जुड़ा बड़ा अपडेट जारी हुआ है। अब यह परीक्षा तीन बार दी जा सकती है।
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अब तक जेईई एडवांस्ड के लिए उम्मीदवारों के पास दो मौके हुआ करते थे।
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जेईई एडवांस्ड 2025 के आयोजन की जिम्मेदारी इस बार आईआईटी कानपुर को सौंपी गई है। अधिक जानकारी के लिए आप jeeadv.ac.in पर जा सकते हैं।
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पहले जेईई मेन्स परीक्षा का आयोजन किया जाता है, इसमें टॉप 2.50 लाख छात्रों को जेईई एडवांस्ड में बैठने का मौका मिलता है।
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इनमें से 10 फीसदी जनरल EWS, 27 फीसदी ओबीसी-एनसीएल, 15 फीसदी एससी, 7.5 फीसदी एसटी के लिए रिजर्वेशन है। शेष 40.5 फीसदी सीटें ओपन कैटेगरी की होंगी।
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एक अक्टूबर 2000 के बाद जन्म लेने वाले लोग ही इस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। जाहिर है अटेम्ट बढ़ने से आईआईटी में एडमिशन की संभावना भी बढ़ गई है।
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हालांकि, एससी-एसटी, दिव्यांग अभ्यर्थियों को पांच साल की छूट मिलेगी। यानी जिनका जन्म 1 अक्टूबर 1995 को या इसके बाद हुआ है, वे भी परीक्षा दे सकेंगे।
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