वोट देने के बाद EVM का क्या होता है, तैयारी कर रहे छात्र जाने पूरी प्रक्रिया

Neelaksh Singh

May 15, 2024

EVM मशीन होती है सील

वोटिंग पूरी होने के बाद EVM मशीन को एक एल्युमिनियम के बॉक्स में बंद कर दिया जाता है। इसके बाद बॉक्स में सील लगाया जाएगा और सील मुहर लगाई जाती है।

Credit: TNN-Graphic

कैसे चुने सही करियर

EVM मशीन की जिम्मेदारी

सील लगने के बाद EVM मशीन को गाड़ी में लोड कर दिया जाता है। पोलिंग आफिसर इस जिम्मेदारी को presiding officer को देता है।

Credit: TNN-Graphic

गाड़ी की नोट होती है डिटेल

EVM मशीन गाड़ी में लोड होने के बाद गाड़ी की डिटेल नोट करेगा, कौन है ड्राइवर, गाड़ी का नंबर, बक्शे की संख्या इत्यादि। अगर कोई मशीन खराब हो गई थी, तो ऐसी बातों की रिपोर्ट भी तैयार करेगा।

Credit: TNN-Graphic

पुलिस की गाड़ियों के बीच रहती है EVM मशीन वाली गाड़ी

EVM मशीन जिस गाड़ी में जाएगी, उसके आगे और पीछे पुलिस की दो दो गाड़ी चलेंगी। यह मशीन से लदी गाड़ियां पहुचेंगी रिटर्निंग अफसर (RO) को।

Credit: TNN-Graphic

आरओ की जिम्मेदारी

हर क्षेत्र के अलग अलग RO होते हैं, जो अपने अपने एरिया के सारी मशीनों को अपने पास इकट्ठा करते हैं, यहां से RO डिस्ट्र्रिक्ट मैनेजर तक सारी EVM मशीन भेजता है।

Credit: TNN-Graphic

डीएम के पास पहुंचती है EVM मशीने

डिस्ट्र्रिक्ट मैनेजर पहले से एक सरकारी स्कूल में मौजूद रहता है, यह सारी मशीनें डिस्ट्र्रिक्ट मैनेजर के पास आती हैं, यहां कड़ी से कड़ी सुरक्षा होती है।

Credit: TNN-Graphic

कड़े सुरक्षा के बीच रहती हैं EVM मशीने

काई बंदूक लेकर पेड़ पर, तो कोई छत पर से निशाना लगाए रहते हैं, कोई कमरे के बाहर तो कोई गेट के भी बाहर से सुरक्षा का इंतजाम बनाए रखते हैं।

Credit: TNN-Graphic

क्या होता है स्ट्रॉन्ग रूम

इस जगह को स्ट्रॉन्ग रूम भी कहा जाता है, हालांकि डीएम चाहे तो किसी स्कूल की जगह अपने घर को भी स्ट्रॉन्ग रूम बना सकता है।

Credit: TNN-Graphic

क्या होता है स्ट्रॉन्ग रूम में

स्ट्रॉन्ग रूम में य​ह जानकारी होती है कि किस किस RO ने अपने क्षेत्र की EVM मशीन पहुंचा दी हैं। इसके बाद कमरे को भी सील कर दिया जाता है, जिसे डीएम भी नहीं खोल सकता है।

Credit: TNN-Graphic

हर बात की होती है एंट्री

कैमरे से लगातार निगरानी की जाती है, यदि कोई गार्ड यहां तक कि डीएम भी किसी काम से स्कूल से बाहर जाता है, तो उसे अपने बैच की जानकारी के साथ एंट्री करनी होती है। और भले 1 मिनट बाद लौटे लेकिन फिर एंट्री करके ही आना होता है।

Credit: TNN-Graphic

चुनाव आयोग तय करता है गिनती का दिन

इसके बाद युनाव आयोग निर्धारित करता है कि गिनती किस दिन होगी। गिनती से पहले रूम को खोलते समय, CCTV की निगरानी में वहां डीएम के अलावा RO, इलेक्शन कमीशन के लोग, चुनाव के प्रतिनिधि, और मीडिया पर्सन मौजूद रहते हैं।

Credit: TNN-Graphic

एनओसी पर साइन जरूरी

अगर सब कुछ ठीक रहा तो एनओसी पर सबके ​साइन लिए जाते हैं, तब जाकर सील तोड़ी और गिनती शुरू की जाती है।

Credit: TNN-Graphic

इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स

Next: ​भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर, वंदेभारत दौड़ाकर रचा इतिहास​

ऐसी और स्टोरीज देखें