Jan 11, 2024
रावण का वध श्रीराम ने किया था, लेकिन त्रिलोकपति को हराना आसान नहीं था, इसलिए भारत से लंका जाते समय भगवान राम ज्योतिर्लिंग की स्थापना की।
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इस शिवलिंग की स्थापना समुद्र किनारे की गई थी। शिव को भगवान राम अपना अराध्य देवता मानते हैं। इसीलिए इसे रामेश्वरम नाम से जाना गया।
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रामेश्वरम नाम का अर्थ है राम का ईश्वर। बता दें, पूरे भारतवर्ष में 12 ज्योतिर्लिंग हैं, और चार धाम हैं।
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लेकिन प्रमुराम द्वारा स्थापित इस ज्योतिर्लिंग (रामेश्वरम) को सबसे खास माना जाता है, इसका दो कारण है।
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पहला इसकी स्थापना स्वयं श्रीराम ने की थी, दूसरा इसलिए इसे भारत के चार धामों में एक माना गया है।
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यह तो हम जानते हैं कि भारत में प्राचीन काल से धार्मिक तीर्थों का विशेष महत्व है।
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लेकिन बहुत कम लोग रामेश्वर का पौराणिक नाम जानते होंगे, इसका पौराणिक नाम गंधमादन है।
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जिस तरह उत्तर भारत में काशी का विशेष महत्व है, उसी तरह दक्षिण में रामेश्वर का स्थान है, यह चेन्नई से लगभग 425 मील दूर है।
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रामेश्वरम मंदिर जाने के लिए एक पुल को पार करना होता है, जो 145 खंभों पर खड़ा है और करीब सौ साल पुराना है।
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