Mar 26, 2025
महादेवी वर्मा को आधुनिक मीरा कहा जाता है। उन्होंने हिंदी साहित्य में प्रेम, पीड़ा और आध्यात्मिकता की गहराई को छुआ।
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26 मार्च 1907 को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में जन्मीं महादेवी के विचार छात्रों और युवाओं को प्रेरणा देते हैं ।
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समाज के पास वह जादू की छड़ी है, जिससे छूकर वह जिस स्त्री को सती कह देती है, केवल वही सती का सौभाग्य प्राप्त कर सकती है।
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भाव यदि मनुष्य की क्षुद्रता, दुर्भावना और विकृतियां नहीं बहा पाता, तब वह उसकी दुर्बलता बन जाता है।
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स्नेह, करुणा आदि के भाव हृदय की शक्ति बन सकते हैं और द्वेष, क्रोध आदि के दुर्भाव उसे और अधिक दुर्बल स्थिति में छोड़ जाते हैं।
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कष्ट और विपत्ति मनुष्य को शिक्षा देने वाले श्रेष्ठ गुण हैं, जो साहस के साथ उनका सम्मान करते हैं।
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मनुष्य को संसार से बाँधने वाला विधाता माँ ही है।
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साधारणतः परीक्षा के हथौड़े के नीचे प्रतिमा नहीं गढ़ी जाती।
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घृणा का भाव मनुष्य की असमर्थता का प्रमाण है।
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