बॉर्डर मूवी देख आया सेना में जाने का ख्याल, पायलट बनकर बढ़ाया मान

Kuldeep Raghav

Jan 9, 2025

मेजर प्राजक्ता देसाई

मेजर प्राजक्ता देसाई 2020 में भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी बनीं, जिन्होंने मानव रहित विमान (UAV) ऑब्जर्वर का पद हासिल किया।

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8 साल की उम्र में देखा सपना

उन्होंने मात्र आठ साल की उम्र में भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखा था और अपने इस सपने को सच कर दिखाया।

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मां से मिली प्रेरणा

8 साल की उम्र में ‘बॉर्डर’ फिल्म देखकर उनके मन में आर्मी ऑफिसर बनने की चाहत जागी थी। उनकी मां भी अपने समय में NCC कैडेट थीं। उनकी ही प्रेरणा से ही उन्होंने भी NCC ज्वाइन की।

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कॉलेज के दौरान हुईं शामिल

मेजर प्राजक्ता देसाई ने अपने कॉलेज के दौरान वर्ष 2007 से 2009 तक एयर-विंग NCC में शामिल हो गई थी।

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मुंबई विश्वविद्यालय से पढ़ीं

लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से केमेस्ट्री में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की ।

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CDS में आई 21वीं रैंक

वर्ष 2009 में उन्होंने सीडीएस परीक्षा दी। एसएसबी इंटरव्यू और मेडिकल प्रक्रिया के बाद उनकी रैंक 21 थी।

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चेन्नई में ट्रेनिंग

उन्होंने ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में प्रवेश लिया और चेन्नई स्थित ओटीए में ट्रेनिंग की।

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एयर डिफेंस विभाग

वर्ष 2011 में कमीशन मिलने के बाद प्राजक्ता देसाई भारतीय सेना के एयर डिफेंस विभाग में एक साल तक सेवा की।

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प्राजक्ता की खूबी

आर्मी एविएशन कॉर्प्स में उन्होंने नौ साल तक काम किया। वह एक प्रशिक्षित पर्वतारोही, स्काईडाइवर और हॉट एयर बैलून पायलट हैं।

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