Nov 5, 2024
यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है।
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देश के लाखों युवा यूपीएससी एग्जाम क्रैक करके IAS या IPS अधिकारी बनने का सपना देखते हैं लेकिन चंद लोग इसे क्रैक करते हैं और सफलता की कहानी लिखते हैं।
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आज हम आपको आईएएस ऑफिसर श्रीधन्या सुरेश की कहानी बताएंगे कि कैसे उन्होंने संसाधनों के अभाव के बावजूद मुकाम हासिल किया।
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आईएएस ऑफिसर श्रीधन्या सुरेश का जन्म केरल के वायनाड जिले में हुआ था और वह कुरिचिया जनजाति से आती हैं। उनका बचपन बहुत कठिनाइयों से भरा हुआ था।
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श्रीधन्या ने कालीकट के सेंट जोसेफ कॉलेज से शुरुआती पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने कालीकट यूनिवर्सिटी कोझिकोड से जूलॉजी की पढ़ाई की और यहीं से मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की।
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श्रीधन्या को इसके बाद राज्य सरकार के अनुसूचित जनजाति विकास विभाग में सरकारी नौकरी मिल ही गई, जहां उन्हें आदिवासी छात्रों के हॉस्टल में वार्डन के रूप में नियुक्त किया गया।
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मजदूरी करने वाले माता-पिता की बेटी होने के बावजूद, श्रीधन्या ने अपने दृढ़ निश्चय और मेहनत के दम पर UPSC की तैयारी शुरू की।
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श्रीधन्या ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के चलते आखिरकार साल 2018 में यूपीएससी के तीसरे प्रयास में सफलता पाई।
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इस परीक्षा में उन्होंने 410वीं रैंक हासिल की। वह इस मुकाम तक पहुंचने वाली केरल की पहली आदिवासी महिला हैं।
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