Feb 22, 2025
पढ़ने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। 79 वर्षीय ऊषा रे ने इसे सही साबित कर दिया है।
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जिस उम्र में ज़्यादातर लोग आराम करना चाहते हैं उस उम्र में वह ना सिर्फ नौकरी कर रही हैं बल्कि पढ़ाई भी कर रही हैं।
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दो बार स्टेज-फोर कैंसर को मात देकर उन्होंने न सिर्फ ज़िंदगी में बल्कि पढ़ाई में भी शानदार वापसी की है।
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वह कहती हैं कि मेरा दूसरा जन्म अप्रैल 2023 में हुआ। उन्होंने बताया कि मैंने अचानक सोचा कि मैं एमबीए करूंगी और करीब 45 साल बाद फिर से पढ़ाई शुरू की।
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टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कोई अनुभव न होने के बावजूद उन्होंने एमबीए (हेल्थकेयर मैनेजमेंट) में दाखिला लिया। इसके लिए उन्होंने पहले लैपटॉप चलाना सीखा और अब वह दुनिया की सबसे अधिक उम्र की एमबीए स्टूडेंट बन चुकी हैं।
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बता दें ऊषा रे मूल रूप से शिक्षक थी। महिला कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वर्ष 1966 में जूलॉजी में एमएससी की डिग्री हासिल की। इसके बाद नगर निगम मोहल्ला इंटर कॉलेज में बतौर शिक्षक पढ़ाने लगी।
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साल 1972 में वह अपने पति के साथ इंग्लैंड चली गई। वापस आकर उन्होंने आगरा से बीएड और बाद में एमएड की डिग्री हासिल की। बीएड में उन्होंने टॉप किया।
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इसके बाद बैंकाक के अलावा अन्य देशों में भी पढ़ाने का काम किया। हालांकि ऊषा का जीवन आसान नहीं रहा।
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ऊषा को 2003 और 2022 में दो बार कैंसर जैसी भयावह बीमारी से जूझना पड़ा। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और इस भयावह बीमारी को मात देकर एक नया जीवन शुरू किया।
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