Dec 13, 2024
अकबर का जन्म अमरकोट (सिंध) के किले में 15 अक्टूबर, 1542 को हुआ। उसकी माता हमीदाबानू बेगम और पिता हुमायूं थे।
Credit: Instagram/Pixabay
मुगल बादशाह अकबर को अपनी मूल भाषाओं का ज्ञान था लेकिन वह कितना पढ़ा लिखा था, आज ये जानेंगे।
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अकबर जब 4, 4 महीने और 4 दिन का हुआ तो उसकी पढ़ाई शुरू कराई गई। अकबर को पढ़ने लिखने का तो ज्यादा शौक नहीं था।
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हुमायूं अकबर को कंधार ले गए लेकिन उन्हें अकबर को वहीं छोड़कर फारस जाना पड़ा। अकबर काबुल के किले में अपने चाचा कामरान की देखरेख में रहा।
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इतिहासकार आंद्रे विंक बताते हैं कि उसे पढ़ाने की हर कोशिश नाकाम हुई। हुमायूं ने खुद की फारसी में लिखी कविताएं भी भेजीं लेकिन अकबर नहीं पढ़ा।
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अकबर ने अपने गुरु बैरम खाँ से छुटकारा पाने के लिए उसे बर्खास्त कर कैदी बनाया और सत्ता हासिल की।
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अकबर ने शिक्षा नहीं ली लेकिन उनसे अपनी मूल भाषा तुर्की और फारसी सीख ली। उसने फारसी आलिमों से चित्रकारी सीखी।
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अकबर की समझ में किताबी ज्ञान नहीं आता था। वह अनपढ़ का अनपढ़ ही रहा।
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आइन-ए-अकबरी में इस बात का जिक्र है कि अकबर के सामने हर शाम किताबें पढ़ी जाती थीं ताकि सुनकर उसे कुछ ज्ञान हो।
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