Mar 26, 2024
मेरठ की PCS संजू रानी वर्मा की मां का देहांत हुआ तो वह मेरठ के आरजी डिग्री कॉलेज से ग्रैजुएशन कर चुकी थीं और दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीजी कर रही थीं।
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वह इस फैसले का विरोध करते हुए घर से भाग गईं और 7 साल बाद अफसर बनकर लौटी।
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संजू बताती हैं, 'उस साल (2013) में मैंने न केवल अपना घर छोड़ा बल्कि मुझे डीयू का अपना वह पीजी कोर्स भी छोड़ना पड़ा।'
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वह बताती हैं कि मैंने किराए पर एक कमरा लिया और बच्चों को पढ़ाने लगी। मैंने प्राइवेट स्कूलों में पार्ट टाइम टीचर के तौर पर भी पढ़ाया और साथ ही सिविल सेवा की तैयारी करती रही।
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उन्होंने यूपी पीसीएस एग्जाम (2018) में कामयाबी हासिल की। अब संजू वर्मा उत्तर प्रदेश सरकार में बतौर कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर कार्यरत हैं।
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उन्होंने अपनी जिद से उन महिलाओं को प्रेरित किया है, जो पढ़ना तो चाहती हैं, लेकिन घरवालों के कारण पढ़ नहीं पातीं।
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संजू ने शादी करके घर बसाने की बजाय अफसर बनकर अपने पैरों पर खड़े होने को प्राथमिकता दी।
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संजू रानी वर्मा ने पीसीएस में सफल होने के बाद कहा था कि उनका लक्ष्य है जिलाधिकारी बनना।
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वह कहती हैं कि मैं उम्मीद कर रही थी कि मुझे एसडीएम की पोस्ट मिलेगी। मेरा अंतिम लक्ष्य सिविल सेवा परीक्षाओं में सफल होना है।
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