Oct 15, 2024
छात्र जीवन में एक सवाल घूम फिर कर परेशां करता है कि हमें कितनी देर पढ़ना चाहिए, वैसे सच ये है कि ये निर्भर करता है आप किस चीज की तैयारी में लगे हैं।
Credit: canva-and-tnn
खैर अगर आपका भी यही सवाल है, अलख पांडे सर ने बड़ी से बड़ी परीक्षा के लिहाज से आंसर किया है, जिसे जरूर पढ़ें।
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प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी तो बहुत से बच्चे करते हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर एक समय के बाद हार मान लेते हैं।
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कुछ बच्चे टूट जाते हैं, रास्ता कठिन लगने लगता है, एक दो बार हार फेस करते हैं, तो रास्ता तक बदलने की सोच लेते हैं।
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ऐसे बच्चों के लिए Alakh Pandey ने खास टिप्स दिया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि 'लक्ष्य तय किया है तो हार नहीं माननी है'
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Physics Wallah ने कहा 'अभी भी समय बाकी है, और जब तक समय बाकी है, तब तक कोशिशे बाकी हैं'
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अलख पांडे ने कहा 'आपमें से कई लोग पूछते हैं क्या सर मेरे से मुमकिन है?' इस पर उन्होंने कहा 'जुझारू तरीके से जो लगेगा उसके लिए सब मुमकिन है'
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जुझारू का मतलब लग के पढ़ने से है, आप 12 घंटे भी पढ़ सकते हैं, हो सकता है आपको ये ज्यादा लग रहा हो, लेकिन इसका एक तरीका है जैसे
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दिन को टाइम टेबल ऐसे बनाइये कि 4,4 घंटे तीन बार बैठें पढ़ने के लिए। जब आप ये कोशिश करेंगे तो हो सकता है आप 11 या 10 या 9 या कम से कम 8 घंटे तो पढ़ाई को देंगे।
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लेकिन ये केवल उन्हीं छात्रों के लिए मुमकिन होगा जिनमें वाकई में पढ़ाई के लिए, लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जुनून है।
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