Feb 28, 2024
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की, जो मिशन गगनयान के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं।
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ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री हैं।
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गगनयान मिशन की चर्चा के बीच ये जानना बेहद जरूरी है कि इसरो में एस्ट्रोनॉट कैसे बनते और उनको कितनी सैलरी मिलती है।
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गगनयान मिशन भारत का पहला ह्यूमन स्पेस मिशन है जो तीन दिन का होगा।
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भारत की स्पेस एजेंसी इसरो का अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी है।
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एस्ट्रोनॉट बनने के लिए इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या मैथमेटिक्स में बैचलर डिग्री होनी चाहिए।
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इसके अलावा डॉक्टरेट या एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में या एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री होनी चाहिए।
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अभी गगनयान अभियान के लिए जिन एस्ट्रोनॉट को ट्रेनिंग दी गई है वे भारतीय वायुसेना के पायलट हैं।
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वहीं, इसरो के वैज्ञानिकों को सभी भत्ते मिलाकर शुरुआत में 95,059 - 1,07,635/- रुपये सैलरी मिलती है।
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